प्रयागराज : प्रयागराज में रविवार को आयोजित एक भव्य समारोह में मंगला प्रसाद तिवारी के असाधारण सेवा कार्यों को सराहा गया। पुलिस मित्र संस्था द्वारा सम्मानित किए गए इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदु स्वयं मंगला प्रसाद तिवारी रहे, जिन्होंने 17 बार रक्तदान कर 51 लोगों का जीवन बचाने का अद्भुत कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी यह निस्वार्थ सेवा उन्हें शहर का 'रक्तदान हीरो' बनाती है।
पुलिस मित्र संस्था के संस्थापक आशीष मिश्रा ने मंच से श्री तिवारी के अथक प्रयासों और समाज के प्रति उनके समर्पण की जमकर सराहना की। मिश्रा ने बताया कि मंगला प्रसाद तिवारी न केवल जीवनदान देने वाले रक्तदाता हैं, बल्कि अपनी धर्मपत्नी अमृता तिवारी के साथ मिलकर मदद फाउंडेशन के माध्यम से फुटपाथ पर रहने वाले गरीब और निराश्रित लोगों के लिए "रविवार की रसोई" भी चलाते हैं। इस पहल के तहत वे सैकड़ों जरूरतमंदों को दो वक्त का भोजन उपलब्ध कराते हैं। उनके इन बहुआयामी सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें शॉल, सर्टिफिकेट और मोमेंटो भेंट कर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इस गरिमामय अवसर पर सिविल डिफेंस के डिविजनल ऑफिसर रौनक गुप्ता, वरिष्ठ समाजसेवी संजीव त्रिपाठी, प्रयागराज के पूर्व आईजी के.पी. सिंह, निषाद राजगु के वंशज और वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. बी.के. कश्यप, तथा वरिष्ठ समाजसेवी नागेंद्र प्रताप सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में मंगला प्रसाद तिवारी के कार्यों को समाज के लिए एक प्रेरणा बताया।
सम्मान ग्रहण करते हुए मंगला प्रसाद तिवारी ने भावुक होकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, "रक्तदान एक ऐसा महान दान है, जो किसी को नया जीवन प्रदान करता है। मैं पुलिस मित्र संस्था का हृदय से आभारी हूँ कि उन्होंने मेरे छोटे से प्रयास को इतना बड़ा सम्मान दिया। यह सम्मान मुझे भविष्य में भी समाज सेवा और रक्तदान के इस पुनीत कार्य को जारी रखने के लिए प्रेरित करेगा। मेरा अटूट संकल्प है कि मैं जीवनपर्यंत मानवता की सेवा करता रहूँ।"
यह समारोह सिर्फ एक सम्मान कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह मंगला प्रसाद तिवारी जैसे समर्पित समाजसेवियों के योगदान को रेखांकित करने और दूसरों को भी निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करने का एक सशक्त माध्यम बना। उनके कार्य यह सिद्ध करते हैं कि एक व्यक्ति भी अपने प्रयासों से समाज में कितना बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
0 टिप्पणियाँ